बुधवार, 16 अप्रैल 2014

दुःख और दर्द


अपने दुःख और दर्द को
कम करना है तो दूसरों के
दुःख और दर्द को देखो

एक दिन किसी सरकारी
अस्पताल के जनरल वार्ड का
चक्कर लगा कर देखो

तब समझोगे दुःख क्या होता है
कैसे लोग दुःख-दर्द को साहस
और धीरज से झेलते है

उन तंग गलियों का चक्कर लगाओ
जहाँ ठन्डे चूल्हे पर रखी खाली पतीली
से बच्चो को बहलाते है

जहाँ बचपन सिसकता है लिपट कर
माँ के सीने से दूध के लिए तब
समझोगे अभाव क्या होता है

दुःख तो सभी को होता है
किसी को कम तो किसी को
ज्यादा झेलना पड़ता है

हमें अपने दुःख-दर्द और अभाव का
रोना छोड़ कर सामर्थ्यानुसार
दूसरों का भला करना चाहिए

जरूरतमंद की सहायता और
बीमार का इलाज कराना चाहिए
दूसरों के दुःख को बाँटना चाहिए।
                     


































































कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें