बुधवार, 16 अप्रैल 2014

मरुधर

नावं सुण्या सुख उपजै   
हिवड़े हरख अपार 
इस्यै मरुधर देश में
घणी करे मनवार   

मरुधर सावण सोंवणो  
बरस मुसलधार 
मरवण ऊबी खेत में
गावै राग मल्हार

सोनल वरणा धोरिया
मीसरी मघरा बैर
बाजरी की सौरभ गमकै
ले-ले मरुधर ल्हैर 

पल में निकळै  तावड़ो 
पल में ठंडी छांह 
इस्या मरुधर देश में
खेजड़ल्यां  री छांह 

मरुधर साँझ सुहावणी
बाजै झीणी बाळ 
बाळक घेरै बाछड़ा
गायां लार गुंवाल 

रिमझिम बरसै  भादवो
छतरी  ताणै मौर 
मरुधर म्हारो सोवणों 
सगला रो सिरमौर

छैला झुमै फाग में
गूंजे राग धमाल 
घूमर घालै गोरड्या
उड़े रंग गुलाल। 



































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