रविवार, 22 जून 2014

महानगर

यह महानगर है
यहाँ कुत्ते नहीं भौंकते
बिल्लियाँ रास्ता नहीं काटती
यहाँ बेकाबू गाड़िया दौड़ती है

तुम ठिठक कर
खड़े क्यों हो गये ?
सड़क पर जो दम तोड़ रहा है
उसे अभी-अभी सिटी बस ने कुचला है

अस्पताल पहुँचाने का
यहाँ कोई कष्ट नहीं उठायेगा
सभी ठिठकेंगे, देखेंगे और
निश्चिंत होकर आगे बढ़ जायेंगे

जब तक पुलिस आयेगी
घायल सड़क पर दम तोड़ देगा
यहाँ रोज सकुशल घर पहुँचने के लिए
लोग मनौती मना कर घर से निकलते हैं

यहाँ का यह आम नजारा है
आदमी के जीवन की कीमत
यहाँ कीड़े-मकोड़े के बराबर है
यह महानगर है।






                                                   

















































 तुम  हरदम लुटाती  हो। 

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