रविवार, 29 जून 2014

आनंद और उत्साह





मैं नहीं जानती कि
तुम्हे सुबह के पेपर में
कौन सी खबर चाहिए, 
लेकिन मै जानती हूँ कि
तुम्हे सुबह की चाय में
अदरक जरुर चाहिए

मैं नहीं जानती कि
देश में बढ़ते घोटाले
कैसे रोके जाने चाहिए,
लेकिन मैं जानती हूँ कि
स्कूल से आने के बाद
बच्चो को क्या चाहिए

मैं नहीं जानती कि
आरक्षण निति से गरीबो को
कितना लाभ मिलता है,
लेकिन मैं जानती हूँ कि
तुम्हारी माँ को मेरे हाथ का
खाना  खाकर आनंद मिलता है

मैं नहीं जानती कि
बढ़ते राजकोषिये घाटे को
कैसे कम किया जा सकता है,
लेकिन मैं जानती हूँ कि
घर के बजट को कैसे संतुलित
किया जा सकता है

मैं नही जानती कि अलकायदा 
और तालिबान की धमकी से
अमेरिका की नींद उड़ जाती है,
लेकिन मैं जानती हूँ कि तुम्हारे
बालो में अंगुलियाँ फेरने से
तुम्हे नींद आ जाती है।



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