गुरुवार, 26 जून 2014

भलाई का काम

आओ बंधु !
घर से बाहर निकलो
कब तक कमरे में बैठे टी वी
देखते रहोगे ?

ईश्वर ने हमें
मानव तन दिया है
क्या इस से कोई भलाई का
काम नहीं करोगे ?

देखो कितना सुहाना मौसम है
ठंडी-ठंडी बयार चल रही है
आओ निकलो बाहर
आज कोई अच्छा काम कर आये

किसी रोते हुए बच्चे को हँसाये
किसी भूखे को दो रोटी खिलाये
और नहीं तो किसी बीमार को
थोड़ी दवा ही पीला आये

देखो ! दुःखो का अंत तो
एक दिन सभी का होना है
हर अँधेरी रात के बाद
सूर्य निकलता है

हमें तो इश्वर ने एक मौका दिया है
क्यों नहीं हम उसका लाभ उठाये
हमें तो करना भी उतना ही है
जितना सामर्थ्य से होता है

आओ निकालो बाहर
चलो मेरे साथ
करते है आज मिल कर
एक भलाई का काम।  

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