गुरुवार, 26 जून 2014

मेरी चाहत

मेरी चाहत है
तोड़ लाऊं मेहंदी के पत्ते
लगाऊं चटक रंग तुम्हारी
हथेलियों पर और 
सजाऊं तुम्हे। 

मेरी चाहत है 
समंदर से चुन लाऊं 
मोतियों वाली सीपियाँ 
और बना कर सुन्दर हार
पहनाऊं तुम्हे।  

मेरी चाहत है 
बगीचे में जाकर 
चुन लाऊं बेला के फूल 
और बना कर गजरा 
सजाऊं तुम्हे।  

मेरी चाहत है 
इंद्रधनुष के रंगो में
रंगाऊं रेशम की चुन्दडी
और लगा कर चाँद-सितारे
औढ़ाऊं तुम्हे।
                                 










































































लिखेंगें किसी दिन।




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