जीवन भी
धूप-छांव कि तरह
कितने रंग बदलता है
कभी सुख
तो कभी दुःख
कभी ग़म तो कभी ख़ुशी
कभी दोस्त
तो कभी अजनबी
कभी सुदिन तो कभी दुर्दिन
नदी की तरह बहता है जीवन
पुराने बिछुड़ते रहते है
नए मिलते रहते हैं
जो आज हमारा है
कल किसी और का हो जाता है
सब कुछ बदलता चला जाता है
रह जाती है केवल चंद यादें
वो यादें जो जीवन के अंत तक
साथ निभाती है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें